बाघ बकरी के मालिक की हुई मौत,कुत्ते के काटने से या फिर ब्रेन हैमरेज जानिए ?

Pinky
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बाघ बकरी के मालिक की हुई मौत :लीडिंग टी ब्रांड वाघ बकरी के मालिक पराग देसाई की मौत से हर कोई हतप्रभ है। 50 साल की आयु में देसाई की मौत को लेकर अहमदाबाद के अस्पताल ने आधिकारिक तौर पर स्टेटमेंट जारी किया है। इसमें अस्पताल प्रशासन मौत की वजह के बारे में जानकारी दी है।

अहमदाबाद : वाघ बकरी चाय के मालिक पराग देसाई की मौत से हर कोई सकते में हैं। पराग देसाई की 22 अक्टूबर को देर शाम अहमदाबाद के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया था कि पराग देसाई पर कुत्तों ने हमला किया था। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी इलाज के दौरान ब्रेन हैमरेज से मौत हो गई। पराग देसाई की मौत पर अस्पताल प्रशासन ने बयान जारी किया है। इसमें कुत्तों के काटने की बात का खंडन किया है। अस्पताल प्रशासन ने कहा है कि पराग देसाई की शरीर पर कोई घाव और निशान नहीं थे।

क्या कोई निशान मिला था बाघ बकरी के मालिक के शरीर पर ?

पराग देसाई अहमदाबाद के शेल्बी हॉस्पिटल (Shalby Hospitals) में भर्ती थे। अस्पताल के मुताबिक पराग देसाई को 6 बजे इमरजेंसी डिपार्टमेंट में दाखिल किया गया था। वे कुत्तों के द्वारा पीछा करने के चलते फिसलकर गिर गए थे। अस्पताल में भर्ती किए जाने के बाद पराग देसाई का सीटी स्कैन किया गया था। उनके शरीर पर डॉग बाइट के निशान नहीं मिले थे।अस्पताल प्रशासन के अनुसार पराग देसाई को उनके परिवार की अनुमति से आईसीयू में भर्ती किया गया। इसके बाद उन्हें 72 घंटे ऑब्जर्वेशन में भी रखा गया था। Shelby ग्रुप के सीईओ निशिता शुक्ल द्वारा जारी किए ऑफिशल स्टेटमेंट में कुत्तों के काटने की बात से इनकार किया गया है। पराग देसाई की मौत परिवार की ओर से अब तक नहीं आया कोई औपचारिक बयान नहीं आया है। उनके परिवार में उनकी पत्नी विदिशा और बेटी परीशा हैं।

क्या है ब्रेन हेमरेज?

क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक ब्रेन हेमरेज एक गंभीर स्थिति है, जिसमें किसी वजह से दिमाग के अंदर ब्लीडिंग होने लगती है। यह ब्लीडिंग खोपड़ी के अंदर लेकिन टिश्यू के बाहर हो सकती है और दिमाग को जिंदा रहने के लिए ऑक्सीजन नहीं मिल पाती और उसकी वहजा से मौत हो जाती है।

क्या था पूरा मामला

15 अक्टूबर को पराग देसाई को फिसलकर गिरने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुरुआती जानकारी में सामने आया था कि देसाई के गिरने पर एक सुरक्षा गार्ड ने परिवार के सदस्यों को घटना के बारे में सूचित किया। परिवार ने उन्हें पहले शैल्बी अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन बाद में सर्जरी के लिए ज़ाइडस अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। सात दिनों तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद दुर्भाग्य से 22 अक्टूबर को कई स्वास्थ्य जटिलताओं के कारण देसाई की मृत्यु हो गई थी। देसाई के फिसलकर गिरने के पीछे कुत्तों के हमले की बात सामने आई थी। यह घटना इस्कॉन अंबली रोड के पास सुबह के समय हुई थी।

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By Pinky
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