जब हिंदी फिल्मों का उड़ा मजाक, इस फिल्म मेकर ने तैश में आकर बना डाली बिना गानों की यह Hit Film

बॉलीवुड में कई ऐसे महान फिल्ममेकर रहे हैं जिन्होंने एक से बढ़कर एक क्लासिक फिल्में दीं लेकिन फिर भी उनकी पहुंच एक सीमित वर्ग तक रही. वहीं एक फिल्म मेकर थे जो फिल्मों के अलावा अपने शो के जरिए हर घर में सूरज की तरह चमके. हम बात कर रहे हैं बलदेव राज चोपड़ा यानी BR Chopra की. वह एक ऐसे फिल्मकार थे जिन्होंने हिंदी सिनेमा को एक नए मुकाम पर पहुंचाया.
बीआर चोपड़ा ने हिंदी सिनेमा को अपने फिल्मों के रूप में नायाब तोहफे दिए और छोटे पर्दे को भी एक नगीना दिया. जो कि इतने सालों बाद जब कोविड के चलते लॉक डाउन लगा तो फिर से उसी पॉपुलैरिटी पर पहुंचा. यह उनका शो महाभारत था जिसने उनका नाम घर-घर पहुंचा दिया.
22 अप्रैल 1914 को लुधियाना में जन्में बी आर चोपड़ा ने अपनी पढ़ाई पाकिस्तान की लुधियाना यूनिवर्सिटी से की थी. उन्होंने अंग्रेजी में एमए की डिग्री ली. अपने करियर की शुरुआत बीआर चोपड़ा ने फिल्म जर्नलिस्ट के तौर पर की थी. वह पाकिस्तान के लुधियाना से पहले दिल्ली आए फिर वहां से बॉम्बे जाकर अपने सपनों को मुकाम देने में लग गए.
क्या आप को पता है, जब वह अपने करियर के शिखर पर थे, तब उनके साथ कुछ ऐसा हुआ जिसने बॉलीवुड में उनकी अलग छवी बना दी थी. एक विदेशी फिल्ममेकर ने बीआर चोपड़ा के सामने बॉलीवुड का मजाक उड़ाते हुए कहा था कि तुम हिंदी सिनेमा वाले सिनेमा के नाम पर सिर्फ नाच गाना दिखाते हो. अगर तुम्हारी फिल्मों में गाने नहीं हों तो कौन तुम्हारी फिल्मों को देखेगा.
बीआर चोपड़ा ने इस बात को बहुत गंभीरता से लिया और उन्होंने ‘कानून’ नाम की एक कोर्टरूम ड्रामा फिल्म बना डाली. इस फिल्म की खासियत यही थी कि फिल्म में एक भी गाना नहीं था और ये ब्लॉकबस्टर हिट रही थी. उनकी बेहतरीन फिल्मों में नया दौर, बागबान, निकाह, बाबुल जैसी कई फिल्में हैं.