इन दिनों सोशल मीडिया पर एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हो रहा है दरअसल यह वीडियो किसी और का नहीं बल्कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री का है। दरअसल छत्रपुर जिला यानी मध्यप्रदेश में पंडित धीरेंद्र कुमार कई लोगों की मनोकामना को पूर्ण करते हुए नजर आ रहे हैं। लेकिन वहीं दूसरी और पंडित धीरेंद्र कुमार पर यह आरोप लगा है कि उन्होंने नागपुर मे आयोजित की गई कथा को बीच में छोड़कर भाग गए थे।
कई लोगों का इस बात पर विरोध करते हुए देखकर पंडित धीरेंद्र कुमार ने सभी की बोलती बंद करते हुए बताया कि वे फिर से राम कथा आयोजन करेंगे और यह कथा कहीं और नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में की जाएगी। दरअसल धीरेंद्र कुमार पर आरोप था कि उन्होंने नागपुर में आयोजित रामकथा को बीच में छोड़ कर चले गए थे, जिस वजह से कई लोग इस बात का विरोध करने लगे। लेकिन अब धीरेंद्र कुमार ने इस बात का खुलासा कर दिया है कि वे फिर से राम कथा आयोजन करने जा रहे हैं।
आए दिन वायरल होते रहते पंडित धीरेंद्र कुमार शास्त्री के वीडियो
आपने तो देखा ही होगा कि सोशल मीडिया पर पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के कई सारे छोटे-छोटे वीडियो आए दिन वायरल होते रहते हैं। इनके हो रहे वायरल वीडियो को देखकर जिले के हर नेता के बीच होड़ लग गई है कि वह भी अपने राज्य में इनसे रामकथा करवाएंगे। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि राम कथा का दिव्य प्रसंग 2 दिन तक चलेगा, लेकिन फिर भी किसी ना किसी बात को लेकर विवाद सामने आ रहे हैं।
आपने भी सोशल मीडिया पर आए दिन पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के कई सारे वीडियोस देखे होंगे । इस वजह से आपको भी पता होना चाहिए कि अभी इन पर कौन सा नया नया आरोप लगा है? दरअसल बात ऐसी है कि नागपुर में पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री द्वारा राम कथा का आयोजन किया गया था। लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री रामकथा को बीच में छोड़कर चले गए, जिस वजह से वहां के लोग काफी ज्यादा गुस्सा हो गए। यहां तक कि इनके खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई है।
शास्त्री ने पलटकर जवाब देना भी शुरू कर दिया
कई लोगों द्वारा विरोध करने पर धीरेंद्र शास्त्री ने पलटकर जवाब देना भी शुरू कर दिया है। हाल ही में उनका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि हाथी चले बाजार कुत्ते भौंके हजार। हमारे सूत्रों से पता चला है कि जो जो लोग धीरेंद्र शास्त्री द्वारा किए गए चमत्कारों को भुलाकर उन पर आरोप लगाने की कोशिश कर रहे हैं, उन लोगों के लिए यह एक करारा जवाब हो सकता है। हाल ही में धीरेंद्र शास्त्री का कहना है कि उन्होंने नागपुर में अपनी कथा संपूर्ण की है। यहां तक कि उनका यह भी कहना है कि वो ना हम कोई चमत्कारी हैं, ना हम कोई गुरु है, हम तो अपने बालाजी सरकार के चरणों के सेवक है।
नागपुर में किए जा रहे विवाद के कारण यह बात कहीं जा रही है कि नागपुर अंधश्रद्धा समिति का कहना है कि धीरेंद्र शास्त्री अपने चमत्कार का सहारा लेकर लोगों की आंखों में धूल झोंक रहे हैं और अपनी गलतियों पर पर्दा डाल रहे हैं। वैसे देखा जाए तो 13 जनवरी 2023 के दिन नागपुर में राम कथा आयोजन हो जानी चाहिए थी और ऐसी घोषणा हो चुकी थी, लेकिन अब कुछ बातें अलग ही सामने आ रही है।
सभी जगह घोषणा तो यह की गई थी कि 13 जनवरी को रामकथा शुरू की जाएगी, लेकिन धीरेंद्र कुमार शास्त्री ने 11 जनवरी को ही कथा समाप्त कर दी। जिस वजह से लोगों के मन में आक्रोश जाग चुका था। यहां तक कि कई लोग इस बात से गुस्सा हो चुके हैं, लेकिन वहीं दूसरी और धीरेंद्र कुमार शास्त्री का कहना है कि उन्होंने पहले ही घोषणा कर दी थी कि 11 जनवरी तक राम कथा संपूर्ण हो जाएगी। यहां तक कि जितना वक्त लगना चाहिए था, उस से 2 दिन पहले ही राम कथा समाप्त हो गई।
शास्त्री पहली बार विवादों में नहीं आए
देखा जाए तो धीरेंद्र कुमार शास्त्री पहली बार ही विवादों में नहीं आए है, बल्कि आज से पहले भी कई बार विवादों में घिर चुके हैं। कुछ समय पहले यह बात सामने आई थी कि सीएम शिवराज सिंह चौहान को बुलडोजर बाबा के नाम से बुलाया जा रहा था, जिस वजह से धीरेंद्र कुमार शास्त्री ने कई सारी सुर्खियां बटोरी थी। देखा जाए तो बॉलीवुड स्टार की तरह धीरेंद्र कुमार भी आए दिन चर्चा का विषय बने रहते हैं।
अब हम आपको बागेश्वर धाम के बारे में बताते हैं। दरअसल मध्य प्रदेश राज्य के छतरपुर जिले में पवित्र स्थल है जिसे बागेश्वर धाम के नाम से बुलाया जाता है। दरअसल यह धाम बालाजी भगवान को समर्पित करके बनाया गया है। इस मंदिर की ऐतिहासिकता को देखने के लोग दूर-दूर से आते हैं, यहां तक कि यह काफी प्राचीन और पुराना मंदिर है। कहा जाता है कि इस मंदिर की दोबारा स्थापना 1986 के दौरान की थी, जिसके बाद 1987 के दौरान वहां पर एक संत महाराज रहने के लिए आ गए थे। वहां पर जो संत रहने के लिए आए थे, उनका नाम बब्बा जी सेतु लाल जी महाराज था। लेकिन आगे चलकर लोगों ने उन्हें भगवान दास के नाम से संबोधित करना शुरू कर दिया।