एलपीजी के भाव की चिंता छोड़ रोज घरेलू रसाई में फ्री में पका कर खा सकते हैं खाना..

Mahaveer Nagar
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भारत में रसोई गैस की बढ़ती कीमतों को लेकर अब खाना पकाना बहुत महंगा हो गया है.घरेलू रसाई गैस सिलेंडर की कीमत अब एक हजार रुपये से ऊपर जा चुकी है. कीमतों में बढ़ोतरी से हर कोई परेशान है. इन सभी समस्याओं से छुटकारा दिलाने के लिए पैट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल ने रसोई गैस की जगह काम आने वाली एक नई मशीन बना कर तैयार की है जिस पर आप बहुत ही कम खर्चे पर खाना बना सकते हैं.

जी हां भारत की सबसे बड़ी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने अब रसोई गैस सिलेंडर का एक विकल्‍प प्रदान किया है. आईओसी ने घर के अंदर इस्तेमाल किया जाने वाला सौर चूल्हा पेश किया. इस चूल्‍हे की खास बात यह है कि इसे रात में भी प्रयोग किया जा सकता है. यह सौर चूल्हा घर के बाहर लगे पैनल से सोलर एनर्जी स्टोर कर लेता है, जिससे बिना धूप में बैठे दिन के तीन वक्त फ्री में खाना पकाया जा सकता है.

पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में इस सौर चूल्‍हे पर पका खाना परोसा गया. पुरी ने कहा कि इस चूल्हे को खरीदने की लागत के अलावा रख-रखाव पर कोई खर्च नहीं है और इसे पारंपरिक ईंधन के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है. फरीदाबाद में आईओसी के अनुसंधान और विकास विभाग ने विकसित किया है.

इस चूल्हे को सूर्य नूतन के नाम से जाना जाता है. चूल्‍हे से चार सदस्‍यों वाले परिवार के लिए तीन समय का खाना आसानी से बनाया जा सकता है. सूर्य नूतन चूल्‍हे को धूप में रखने की जरूरत नहीं है. यह चूल्‍हा छत पर लगी सोलर प्‍लेट से एक केबल के जरिए जुड़ा रहता है. सोलर प्लेट से जो ऊर्जा पैदा होती है, वह केबल के जरिए चूल्हे तक आती है. इससे सूर्य नूतन चलता है. सोलर प्लेट सौर ऊर्जा को पहले थर्मल बैटरी में स्टोर करती है. इसी कारण सूर्य नूतन से रात में भी खाना बनाया जा सकता है.

इंडियन ऑयल के सोलर स्टोव सूर्य नूतन की कीमत अभी डिसाइड नहीं की है केवल अभी सूर्य नूतन का शुरुआती मॉडल पेश किया है. इसका व्यवसायिक मॉडल अभी आना बाकी है. सूर्य नूतन चूल्हे की लाइफ 10 साल है. इस हिसाब से आपका रसोई गैस का खर्च करीब ₹1800 सालाना पड़ेगा. इस समय अगर आप साल में 12 सिलेंडर इस्तेमाल करते हैं तो उसकी कीमत तकरीबन ₹12,000 पड़ती है.

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