दंगल गर्ल’ के नाम से मशहूर एक्ट्रेस जायरा वसीम तो आपको याद ही होंगी। वही जिन्होंने इस्लाम अल्लाह का नाम लेकर एक्टिंग और ग्लैमरस इंडस्ट्री को छोड़ देने की बात कही थी। हालांकि, बाद में जायरा के मैनेजर ने अकाउंट हैक हो जाने की बात कही और बताया कि ये पोस्ट उन्होंने नहीं किया था। लेकिन जायरा ने ट्विट्टर पर एक और बयानी जारी कर बताया कि उनका अकाउंट हैक नहीं हुआ था और वो खुद ही अपने सोशल अकाउंट्स को मैनेज करती हैं।
अब वो एक बार फिर लाइम लाइट में हैं। पूर्व अभिनेत्री ने शनिवार को कर्नाटक में चल रहे हिजाब विवाद पर प्रतिक्रिया दी। छात्रों को शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने की अनुमति दी जानी चाहिए या नहीं, इस पर कर्नाटक राज्य में चल रहे बहस पर कई सेलेब्स ने प्रतिक्रिया दी इनमें दिग्गज गीतकार जावेद अख्तर, एक्ट्रेस सोनम कपूर सहित कई हस्तियों का नाम शामिल है। अब जायरा ने भी सोशल मीडिया के जरिए इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। ज़ायरा ने ट्विटर पर एक लंबा नोट पोस्ट किया जिसमें उन्होंने कहा, “हिजाब एक च्वॉइस है, ये गलत जानकारी है। सुविधा के हिसाब से यह धारणा बनाई जा रही है’
— Zaira Wasim (@ZairaWasimmm) February 19, 2022
उन्होंने आगे लिखा, “मैं भी एक महिला हूं और मैं सम्मान के साथ हिजाब पहनती हूं। मैं इस पूरे सिस्टम का विरोध करती हूं, जहां महिलाओं को धार्मिक परंपराओं को मानने से रोका और परेशान किया जा रहा है। मुस्लिम महिलाओं के खिलाफ पक्षपात करना और ऐसा सिस्टम बनाना जहां उन्हें शिक्षा और हिजाब के बीच किसी एक को चुनना हो या फिर किसी एक चीज को छोड़ना हो, ये अन्याय है।”
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‘सीक्रेट सुपरस्टार’ ने आगे लिखा, “आप उन्हें स्पेसिफिक चीजों को अपनाने पर मजबूर कर रहे हैं, जिनसे आपका एजेंडा चलता है और फिर उनकी आलोचना करते हैं कि वो आपके बनाए गए नियमों में कैद हैं। यह उन लोगों के साथ पक्षपात नहीं तो क्या है? जो यह जता रहे हैं कि वो उनके (महिला) सपोर्ट में काम कर रहे हैं? इन सबसे ऊपर, एक मुखौटा बनाना कि यह सब सशक्तिकरण के नाम पर किया जा रहा है ये और भी बुरा है, यह सब उससे बिल्कुल विपरीत है, दुखी हूं”
हिजाब विवाद के बीच, कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया कि हिजाब मुस्लिम आस्था का एक आवश्यक धार्मिक अभ्यास नहीं है और इसे रोकना धार्मिक स्वतंत्रता की संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन नहीं है। मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी और न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित और न्यायमूर्ति जेएम खाजी की तीन सदस्यीय पीठ राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। कर्नाटक सरकार की ओर से पेश महाधिवक्ता प्रभुलिंग नवदगी ने कहा कि राज्य ने यह स्टैंड लिया है कि हिजाब इस्लाम की आवश्यक धार्मिक प्रथा के तहत नहीं आता है।