थ्रिल के चक्कर कहीं दर्शक ना करने लगे चिल, जानिए कैसा है हुमा कुरैशी की ‘मिथ्या’ का सस्पेंस

Deepak Pandey
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हिंदी कंटेंट में पहाड़ों की लोकेशन और संदिग्ध हरकतें करते किरदार रखना अपने-आप में बहुत ज्यादा रिस्क भरा है क्योंकि पिछले कुछ समय में ये कॉम्बिनेशन स्व्क्रीन पर कुछ ज्यादा ही रिपीट हो चुका है। लेकिन ‘मिथ्या’ के नैरेटिव में इतनी बैंडविड्थ है कि केदारनाथ सिंह और वुड्सवर्थ की पोएट्री से लेकर, “देखकर डिलीट कर देना” वाली फ़ोटोज़ तक सबकुछ समा जाता है।Mithya Review: प्रशंसकों ने हुमा कुरैशी की 'मिथ्या' को दी मिली-जुली  प्रतिक्रिया, अवंतिका दसानी के अभिनय ने किया प्रभावित - Entertainment News:  Amar Ujala

ज़ी5 की नई सीरीज ‘मिथ्या’ को रिव्यू करने में जो सबसे बड़ी परेशानी आई वो ये कि इसकी कहानी के बारे में कुछ भी बताना स्पॉयलर हो सकता है। लेकिन फिर भी एक आईडिया के लिए समझ लीजिए कि हुमा कुरैशी एक यूनिवर्सिटी प्रोफेसर के किरदार में हैं और उनकी कतई बागी स्टूडेंट हैं, इस शो से अपना डेब्यू कर रहीं अवंतिका दासानी। शो शुरू होने के कुछ ही मिनटों में ये साफ़ हो जाता है कि इन दोनों की तो नहीं बनने वाली। लेकिन बनना तो छोड़िए यहां मामला बदला लेने और सबक सिखाने का हो जता है। क्यों हो जाता है इसके पीछे बहुत गहरे रहस्य हैं।Mithya Review: Huma Qureshi's Whodunnit Drama Falls Flat

इस कहानी में चटकती शादियां, पार्टनर से चीटिंग, एम्बिशन पूरा करने के लिए नैतिकता से समझौता। अधूरी प्रेम कहानी और आत्महत्या, सबकुछ है। लेकिन हर एक सब प्लॉट का अंदाजा आपको पहले से होने लगता है। बिल्ली को स्क्रीन पर देखते ही आपको पता चल जाता है कि इसके साथ क्या होने वाला है। कपल्स में जब क्लेश होता है तो आपको लगता है ये तो पहले ही लग रहा था इन्हें देख के।Huma Qureshi Avantika Dassani Rajiy Kapur Web Series Mithya Review In Hindi  | Mithya Review: साहित्यिक चोरी की कहानी में बना बात का बतंगड़, भाग्यश्री  की बेटी अवंतिका ने जमाया रंग

डायरेक्टर रोहन सिप्पी ने थ्रिलर को स्टाइलिश बनाने की कोशिश तो की है लेकिन बॉबी देओल के ज़माने का ये टिपिकल फ़िल्मी ट्रीटमेंट अब ओटीटी शोज़ को हल्का करने लगा है। लेकिन शो में हुमा कुरैशी को पूरे ठहराव और सटीकता के साथ हिंदी साहित्य के लेक्चर लेते देख अच्छा लगता है। उनके कैरेक्टर को जितनी गहराई के साथ लिखा गया है उसे उतना स्क्रीन पर उतारने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी और स्क्रीन पर उनमें एक साइकोलॉजिकल ट्रोप नज़र आता है। और यही चीज़ अवंतिका दासानी के कैरेक्टर में भी नज़र आती है।Mithya review: Compulsively twisty mystery has lots of lies and a few home  truths

डेब्यू कर रहीं अवंतिका को बहुत कड़े पैमानों पर तुलना भी गलत होगा मगर उन्होंने पहली बार के हिसाब से बहुत इम्प्रेसिव काम किया है। उनका कैरेक्टर देखते ही आपको पता होता है कि इससे दूर ही रहना ठीक है। परम्ब्रतो चैटर्जी का काम हमेशा की तरह जानदार है। रजित कपूर, अवंतिका अकेरकर और कृष्णा सिंह बिष्ट का काम सपोर्टिंग कैरेक्टर्स में अच्छा है।Mithya' review: A thriller that actually thrills, debutante Avantika  Dassani kills it, Entertainment News | wionews.com

कुल मिलाकर कहें तो ‘मिथ्या’ में परफॉरमेंस अच्छे हैं, कहानी ठीकठाक है और मोरालिटी के रिस्क लेने से कहानी नहीं चूकती। इसलिए एक बार तो देखा जा सकता है।

 

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